Monday, 11 May 2015

माँ तुमको माँ दिवस मुबारक हो .......


जब मै छोटा था तब मुझे  ये माँ दिवस कभी पता नहीं चला अब जब मै तुमसे दूर रहता हू ,तब यह  बहुत मनाने का मन करता है ,मन करता है की मै एक दिन तुम्हारे लिए खाना बनाऊ ,क्योकि तुम तो मेरे लिए  इतने दिनों से  खाना बनाया है ,एक दिन भी मैंने नहीं बनाया |आज फिर तुम्हारी  उँगलियों को पकड़कर चलने का मन कर रहा है ,लेकिन मै तो अब बड़ा हो गया  पता नहीं माँ मै क्यों बड़ा हो गया ,मै तो छोटा हो ठीक था ,तुम्हारे पास रहता था ,बड़े मजे आते थे ,| माँ  मुझे याद है जब तुम मुझे पढ़ाती थी तो मै बड़ा जल्दी सीख लेता था | अब तो पढाई में माँ  वो मजा नहीं रहा |  तुम्हारे हाथ के बनाये हुए पकवान खाने का जो मजा है वो यहाँ कही नहीं है |माँ तुम मेरी गलतियों पर डाटा नहीं पर  हमेशा एक अच्छा आदमी बनने को कहा  माँ मै एक अच्छा आदमी बनने के पहले आपका अच्छा बेटा बनना  चाहता हू |  ........ ....... ..माँ  तुमको  माँ दिवस मुबारक हो   ||                                                         

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