अब इस प्रेम भरी दुनिया में ,
जहाँ देखो वहाँ तन्हाई है ||
हम पीछे रह गये |
वो आगे बढ़ गये |
अब तो वो इधर देखते भी नहीं ,
हाय इस कदर बेवफाई है ||
अब इस प्रेम भरी दुनिया में ,
जहाँ देखो वहाँ तन्हाई है ||
इस अकेले पेड़ को देखो ,
इस अकेले शेर से पूछो ,
क्यों इनके आँखों में ,
एक शून्यता छाई है |
अब इस प्रेम भरी दुनिया में ,
जहाँ देखो वहाँ तन्हाई है ||
कागज के पन्नों में ,
जिंदगी ढूढती ये दुनिया |
इन मासूमो के कंधो पर किसने ,
इनसे भी भारी
पन्नों का बोझ लदवाई है ||
अब इस प्रेम भरी दुनिया में ,
जहाँ देखो वहाँ तन्हाई है ||
चला था मै ज्ञानार्जन करने
अपने को उज्जवल करने |
पर कुछ दिन बाद पता चला
विद्यालयों पर भी दैत्यों की परछाई है ||
अब इस प्रेम भरी दुनिया में ,
जहाँ देखो वहाँ तन्हाई है ||
जीवन में अब चैन कहाँ,
शावान में वह मेघ कहाँ ,
जिस रास्ते पर फूल सोचा था ,
वहाँ तो सिर्फ काई ही काई है ||
अब इस प्रेम भरी दुनिया में ,
जहाँ देखो वहाँ तन्हाई है ||
अब मौसम गर्म है
हर जगह नफ़रत की आंधी है |
साम्प्रदायिकता की आग से ,
पुरे मुल्क की रुश्वाई है ||
अब इस प्रेम भरी दुनिया में ,
जहाँ देखो वहाँ तन्हाई है ||
हम सभी जानते है कि,
हमें विकास करना है ,
हरेक को एक शेर बनना है ||
पर क्यों हमारे देश पर ,
खुदगर्जो की काली घटा छाई है ||
अब इस प्रेम भरी दुनिया में ,
जहाँ देखो वहाँ तन्हाई है ||
इधर बम उधर गोली
होर्न सुनकर कान बोली
बातें तो बहुत है कहने को ,
पर मैंने कुछ झलकियाँ ही दिखाई है
अब इस प्रेम भरी दुनिया में ,
जहाँ देखों वहाँ तन्हाई है ||
परिवर्तन शील दुनिया में ,
बहुत कुछ है बदलने को ||
जागो यारों जागो
अब अपनी बारी आई है ||
अब इस प्रेम भरी दुनिया में ,
जहाँ देखों वहाँ तन्हाई है ||
# नलिन पुष्कर
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