Monday, 12 August 2019

आखिर क्यों भारतीय राजनीति में तेज तरार्र युवा नेता न के बराबर है |

                       अगर हम देश कि राजनीति को देखे समझदार युवा नेता न के बराबर मिलेगा | जो पढ़ा लिखा हो और सोचने कि हिम्मत रखता हो ,जो पार्टी  को  चलाने  का जज्बा रखता हो , जो हल्ला नहीं करता हो और कुछ काम करता हो |
जितने भी युवा नेता  है वो चाँदी का चम्मच  लेकर पैदा हुए है ,जिनका अपना राजनितिक खानदान है ,वे सिर्फ विरासत को  सम्भाल रहें है |इन युवा नेता कि सोच पुरातन है ,बाकि हल्ला नया है ,फैशन नया है , बाकी सब पुराना है ||
ये सोचने कि बात है कि जिस देश में आधे से ज्यादा लोग युवा हो बच्चे हो वहां  जमीन से निकला कोई युवा नेता क्यों नहीं | वैसे तो अब जमीन  से निकले नेताओ का घोर अभाव है | यह सोचने कि बात है |
जहाँ नेता वही बनता है जिसके पास पैसा हो वहां नए लोगों का आना बहुत मुस्किल बन गया है |
आज के युवा नेता है वो कल तक रोड पर घूम रहे थे ,सोशल मीडिया के आते ही वो नेता बन गए , पहले ट्विटर पर गाली देने का काम करने लगे और उनको लगने लगा कि वो देश बना रहे है |
भारतीय राजनीति कि दयनीय स्थिति कि एक वजह इसमें प्रतिभावान  युवाओं का न होना है |

अगर इतिहास को गौर से देखा जाये तो आजादी के समय ,राजनीति प्रतिवाभावान लोगों से भरा पड़ा था ,जिनमे नेतृत्व का , साहस  का भंडार था ,सभी पढ़े लिखे लोग थे | उस समय  कानून कि पढाई का क्रेज था और सारे प्रतिभावान बच्चे कानून कि पढाई करते थे ,इसलिए स्वंत्रता संग्राम में प्रतिभावान लोगों कि कोई कमी नहीं थी |
आज  ऐसा नहीं है ,प्रतिभा तो कहीं और है ,वो बैंगलोर ,दिल्ली ,और विदेशो में किसी कंपनी के लिए मजदूरी कर रहे है | पैसा का ऐसा प्रभाव बढ़ा है कि  सभी प्रतिभावान बच्चे सिर्फ पैसा कमाना चाहते है भले देश गटर में जाये ||
राजनितिक पार्टियों कि भी  मज़बूरी है वो उनको आकर्षित नहीं कर पा रहे| यह एक पार्टी कि समस्या नहीं है यह सब पार्टियों में है | जो कानून बना रहे है ,या जो पार्टियों के शीर्ष पर है उनको सोचना चाहिए | जो हारते है वो सोचते है पर कुछ करते नहीं  है ,बाकि जो जीतते है  वे करने कि जरुरत नहीं समझते |
प्रतिभावों को राजनीति में लाना अब के राजनेताओं  का मुख्य काम होना चाहिए |
शायद कांग्रेस को होश आयें और  कुछ करे
क्योंकि  जिसने चाँदी का चम्मच से खाया है वो धुप में नहीं घूम सकता ,देश कि समस्याओं को महसूस नहीं कर सकता |
युवा नेता के नाम पे नेता पुत्रो  का गुणगान देश और समाज के लिए काफी खतरनाक है और इससे राजशाही कि बू आती है ,एक गणतंत्र में राजशाही कि बू ठीक नहीं , यह उर्जावान युवायों  में  निराशा  लेकर आ रही है |
जो देश समाज के लिए ठीक नहीं ||

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