Sunday, 11 August 2019

जीवन


एक अँधेरा लाख सितारे |
एक निराशा लाख सहारे  ||

सबसे बड़ी सौगात है जीवन |
नादाँ है जो जीवन से हारे ||

दुनिया कि ये बगिया ऐसी
जीतने कांटे फुल भी उतने ||
दामन में खुद आ जायेंगे
जिनकी तरफ तू हाथ पसारे ||

एक अँधेरा लाख सितारे |
एक निराशा लाख सहारे  ||

बीते हुए कल कि खातिर तू
आने वाला कल मत खोना |
जाने कौन कहाँ से  आकर
राहे तेरी फिर से सवाँरे ||

एक अँधेरा लाख सितारे |
एक निराशा लाख सहारा ||

दुःख से अगर पहचान न हो
तो कैसा सुख और कैसी खुशिया ||
तुफानो से लड़कर ही तो
लगते है साहिल इतने प्यारे ||


एक अँधेरा लाख सितारे |
एक निराशा लाख सहारे  ||

सबसे बड़ी सौगात है जीवन |
नादाँ है जो जीवन से हारे ||



#गीत
#आखिर क्यों  (1985)
#मोहम्मद अजीज
#इन्दीवर

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