Friday 15 May 2015

जिंदगी का सफर

जिंदगी का सफर एक अनजाना सफर है जिसमे कोई अपने भविष्य के बारे में नहीं जानता | जिंदगी एक पहेली की तरह भी है ,जिंदगी सवाल की तरह भी है ,यह खुशी भी है ,इसमें गम भी है ,अपने  आप को समझना बड़ा मुश्किल है ,लेकिन इसी में सभी जीते है  और  खुश  भी रहते है  ||




जिदगी का सफर
है ये कैसा सफर |

कोई समझा नहीं
कोई जाना नहीं ||

है ये कैसी डगर
चलते है सब मगर |

कोई समझा नहीं

कोई जाना नहीं ||

#किशोर कुमार गीत 

Thursday 14 May 2015

अब फिर एक स्वदेशी आन्दोलन की जरुरत है .......

अब फिर  एक स्वदेशी आन्दोलन की जरुरत है ,हम सिर्फ खरीदतें है बेचते नहीं जिससे अपना खजाना खाली रहता है ,और हम  दूसरों पर आश्रित रहते है हमें मन  ही मन  प्रण करना चाहिए की जितना हो सके स्वदेशी सामान का प्रयोग करेंगे ,ताकि दूसरे देश से सामान खरीदने की जरुरत न पड़े |सरकार में बैठे लोगों को इसके बारे में  सोचना चाहिए |जनता सोचती है सरकार नहीं कुछ कर रही ,सरकार सोचती है की मुश्किल हालत है कैसे होगा ,सब जब साथ चलेंगे हाथ में हाथ डालकर तभी कुछ होगा सभी को स्वदेशी होना होगा देशभक्त बनना पड़ेगा |
      हम सभी कोको कोला का काला  पानी पीते है और बिदेशी को पैसा पहुचातें है हमें प्राण करना चाहिए की कोको कोला का काला पानी नहीं पियेंगे जिससे न  सिर्फ पैसा विदेश भेजते है बल्कि अपना सेहत भी खराब करते है  |कोका कोला के काला पानी की जगह आप दूध पीजिए वो भी अमूल का ,चाहे लस्सी पीजिए और मस्त हो जाइये |
       हमने बचपन में खिलौनों से खेला है लेकिन तब मिट्टी के खिलौने होते थे न कोई प्रदुषण ना  कोई खतरा ,अब चीन से बने खिलौनों से बाजार पटा पड़ा है वो कभी कभी हानिकारक भी होते है पर हम खरीद के लाते है क्योंकि वो सस्ते होते है |आप ही सोचिये इतना सस्ता बेचकर  भी चीनी फायदा भी कमा लेतें है यानि जरुर कही वो घटिया क्वालिटी का सामान हमें देते है |
       हमारे देश में अब शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने की जल्द जरुरत है ताकि यहाँ के पढ़े विद्यार्थी यही पर कुछ करें और भारत को एक बढ़िया स जगह बनाये रहने के लिए जीने के लिए ,यहाँ के लोगों का जीवन सुधरे |
      हमें अपने तकनिकी ज्ञान को तगड़ा करना होगा ताकि हमें किसी से तकनीक नहीं खरीदना पड़े ,देश के अच्छे संस्थानों में पढ़ने वाले बच्चो को भी देशभक्त बनना होगा और देश में रहना होगा ,पैसे के पीछे भागना बंद करना होगा ,विदेश जाना बंद करना होगा | 
    आशा है की हम फिर से स्वदेशी आन्दोलन शुरू करेंगे ||
                                  स्वदेशी खायेंगे 
                                 स्वदेशी पियेंगे और
                                   स्वदेशी चीजों का उपयोग करेंगे ||
    


भाई ये तो धोखा हो रहा है .....

भारत के महामहिम प्रधानमंत्री जी चाइना पहुचे ,की विजेनस की बात करेंगे कुछ विकास की बात करेंगे तब तक वहाँ के सरकारी चैनल ने भारत का मानचित्र दिखा दिया जिसमे  न तो जम्मू और कश्मीर था और न ही अरुणाचल प्रदेश | चाइना  का चिन्ह तो ड्रगन  है ,असल में इसे गिरगिट होना चाहिए पल पल रंग बदलता है ,कभी दोस्ती की बात करता है कभी व्यापार की तो कभी भारत के मानचित्र से भारत के अंग को काटकर खुद में मिला लेता है ,और थोरा बहुत पाकिस्तान को  दे देता है |कहते है ना  की चोर चोर मौसेरे भाई  ,सेम बात यहाँ भी लागू होता है ,पाकिस्तान और चाइना की बहुत दोस्ती हो गया है ,अब दोनों मौसेरे भाई हो गये है | अब देखने की बारी भारत के लोगों की है की हमारे प्रधानमन्त्री महोदय क्या क्या कर के आते है |
          असली समस्या ये है की क्या समझोता होगा ये तो पता चलता नहीं है क्योकि कुछ बात गोपनीय रख लेते है ताकि अपनी नाकामयाबी और निष्कर्मता को छिपाया जा सके जैसा की शिमला समझौते में हुआ था |
भारत एक गणतंत्र है ,जनतंत्र है यहाँ  के लोगों को इन समझौतों के बारें में जरुर जानकारी देनी चाहिए क्योकि जाने अनजाने ऐ समझौते यहाँ के लोगों के जीवन को बहुत प्रभावित करते है |
               भारत और चीन का व्यापार  भी संतुलित नहीं है ,भारत के लोग सिर्फ खरीददार है और चीन वाले दुकानदार ,सारे इलेक्ट्रोनिक के सामान चाइना से बन के आतें है और भी बहुत सी चीजे वहाँ से बन के आती है जिसमे खिलोनों से लेकर बड़े मशीनरी तक है जबकि भारत केवल कच्चे माल चीन को बेचता है |ऐसी  सम्बन्ध से तो न  सम्बन्ध ही अच्छा है कमसे कम भारत में कच्चा माल तो  रहेगा ,जब चाहे भारतीय उसे उपयोग करेंगे |असल में चीन के माल को भारत में बेचने की इजाजत होनी ही नहीं चाहिए ,चीनी सामान न सिर्फ घटिया क्वालिटी के होते है बल्कि कभी कभी हानिकारक भी होतें है जैसे चाइना के बने बलून्स और खिलौने |
       अब देखना ये है की हमारे मोदी जी इनसे कैसे पेश आते है | समस्याय खतम होती है की और बढ़ जाती है ,फिलहाल मुझे चीन के नियत में खोट लगता है |

Wednesday 13 May 2015

बस यूँ ही ...............

भारत में  जितने भी प्राइवेट कॉलेज है उनमे  अधिकतर कॉलेज का  एक ही लक्ष्य है ,पैसा कमाना  चाहे वो जैसे भी हो ,पढाई एक मजाक बन गया है | पैसे के खातिर वो बच्चो से तरह तरह के फी जमा करवाते है और पढाई लिखाई कुछ नहीं |अधिकतर बच्चो के पास बी टेक करने के बाद भी न  जॉब होता है  न  ही उन्हें एम टेक में एडमिशन मिलता है | और कोचिंग वालों की चांदी हो जाती है ,बच्चे  बी टेक करने के बाद कोचिंग करते है | कोचिंग भी पूरा लुट ,एक बैच में चार सौ से पांच सौ बच्चे बैठते है |सरकारी जॉब पाना बड़ा ही कठिन है  | कहते है न की डरे हुए से लूटना आसान होता है वही काम कोचिंग वालें करते है |
      अब सवाल उठता है की ऐसी सडी हुई शिक्षा व्यवस्था के लिए जिम्मेदार कौन है और क्यों इसे बदला नहीं जा रहा |कुछ राज्यों में शिक्षा व्यवस्था इतनी खराब है की आप सोच भी नहीं सकते ,खासकर उच्च शिक्षा का हाल  खस्ता  है |
                    मुझे ऐसा लगता है की हमारे यहाँ चुनाव में कोई शिक्षा के लिए कोई वोट नहीं मांगता क्योकि अभी जनता पढाई लिखाई के महत्व को नहीं जानती ,अगर जानती भी है उनकी संख्या कुछ थोड़ा  है | शिक्षा का महत्व जब  हार आदमी जन जायेगा तब शिक्षा को बढ़ाना आसान हो जायेगा ,और उसकी गुणवत्ता में बदलाव आयेगा
                    भारत में गरीबी है ,गरीबों की संख्या ज्यादा है  चुनाव  उनके लिए भोजन की व्यवस्था और  उनसे सम्बंधित मुद्दों पर होता है ,पर असली मुद्दा कही खो जाता है वह है शिक्षा |असल में यहाँ  की प्रशासन और नेतृत्व ही  हमेशा शिक्षा को हासिये पर रखा है |
  हमारे देश में चुनाव जात  ध्रुवीकरण से होता है |विद्यालय को बनाने के लिए जगह नहीं मिलती लेकिन अल्पसंख्यक  हॉस्टल के लिए जगह मिल जाती है |  आप ही बताए की स्कूल में अल्पसंख्यक के बच्चे नहीं पढते क्या .|  जब तक जात ,धर्म की राजनीती होगी तब तक कुछ नहीं होगा दंगे के सिवा
              इस समय   एक नेतृत्व की जरुरत है एक दृष्टी की जरुरत है ,एक दृढ प्रतिज्ञ आदमी की जरुरत है जो  इस व्यवस्था को बदलने के लिए हिम्मत और जज्बा रखता हो  जब प्राथमिक शिक्षा ही   नहीं होगी  फिर उच्च शिक्षा कैसे सफल हो सकती है |
          

Tuesday 12 May 2015

शुक्रिया................

कॉलेज के चार साल एक अच्छा खासा समय होता है जिसमे कोई अपना व्यक्तित्व बदल सकता है वह दब्बू से दबंग बन सकता है  ,मस्ती कर सकता है ,पढाई कर सकता है ,दोस्ती कर सकता है ,बहुत कुछ कर सकता है,अपने शौक को एक नया रूप दे सकता है ,अपने  भविष्य को बना सकता है  और बिगड भी सकता है | कहते है न की जब एक बार समय निकल जाता है तो दुबारा नहीं आता उसी तरह ऐ समय बड़ा ही महत्वपूर्ण था ,आदमी को अगर यह पता लग जाए की वह क्या कर रहा है और इसका क्या असर होगा तो वह समय को समझ लेगा और सफल होगा | हम कब खुश  होते है जब हम सफल होतें है ,और शायद असफल होने पर निराश  और दुखी  
                 पता नहीं मैंने अपना समय बर्बाद किया की उपयोग किया ,सिखा  की नहीं  सिखा  की इससे भी ज्यादा सीख सकता था  ,लेकिन इतना तो जरुर है की ऐ समय बड़ा महत्वपूर्ण था  |
                 मै चार साल  एक छोटे से कॉलेज में पढाई की , न जाने कितने लोगों से मिला सेनिअर  जूनीयर साथ वाले न जाने कितने कुछ तो दिल में बस गये बाकी आये मिले और चले गये ,दुनियादारी सीखी ,अकेले रहना सिखा  बहुत कुछ सिखा मैंने कॉलेज में आकर | मै  हर उस सख्स का सुक्रिया अदा करना चाहता हू जिससे मै मिला  ,जिससे कुछ सिखा  , वो  सेनिओर्स जो मेरा हौसला अफजाई करते थे .एक अच्छा इंसान मानते थे | साथ वाले दोस्त जो हमेशा मुझे बहुत ही सहयोग दिया ,और कुछ जूनीयर का जिन्होंने मुझे जरुरत से ज्यादा आदर और प्यार दिया ,  बहुत  बहुत सुक्रिया  |
      आदमी एक सामाजिक प्राणी है अकेले नहीं रह सकता | अपनी बातों को बताने के लिए  ,कुछ जानने के लिए समाज में आदमी रहता है ,कुछ  दोस्त बनते है ,कुछ लोग बड़े करीब हो जाते है कुछ दूर रहकर भी करीब रहते है ,हर वो सख्स   जिसने  एक पल भी  मेरे खातिर दिया  उसको तहे दिल से सुक्रिया  ,धन्यवाद .... सुक्रिया  
             

की बच्चा बन जाऊ

मेरी ख्वाहिश है कि मैं फिर से फरिश्ता हो जाऊं
मां से इस तरह लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊं।

लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक मां है जो मुझसे खफा नहीं होती। 

Monday 11 May 2015

माँ तुमको माँ दिवस मुबारक हो .......


जब मै छोटा था तब मुझे  ये माँ दिवस कभी पता नहीं चला अब जब मै तुमसे दूर रहता हू ,तब यह  बहुत मनाने का मन करता है ,मन करता है की मै एक दिन तुम्हारे लिए खाना बनाऊ ,क्योकि तुम तो मेरे लिए  इतने दिनों से  खाना बनाया है ,एक दिन भी मैंने नहीं बनाया |आज फिर तुम्हारी  उँगलियों को पकड़कर चलने का मन कर रहा है ,लेकिन मै तो अब बड़ा हो गया  पता नहीं माँ मै क्यों बड़ा हो गया ,मै तो छोटा हो ठीक था ,तुम्हारे पास रहता था ,बड़े मजे आते थे ,| माँ  मुझे याद है जब तुम मुझे पढ़ाती थी तो मै बड़ा जल्दी सीख लेता था | अब तो पढाई में माँ  वो मजा नहीं रहा |  तुम्हारे हाथ के बनाये हुए पकवान खाने का जो मजा है वो यहाँ कही नहीं है |माँ तुम मेरी गलतियों पर डाटा नहीं पर  हमेशा एक अच्छा आदमी बनने को कहा  माँ मै एक अच्छा आदमी बनने के पहले आपका अच्छा बेटा बनना  चाहता हू |  ........ ....... ..माँ  तुमको  माँ दिवस मुबारक हो   ||